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Holi 2025 : होली कब, क्यों व कैसे मनाई जाती है। पूरी जानकारी

Holi 2025 : होली कब, क्यों व कैसे मनाई जाती है। पूरी जानकारी 


लो होली का त्यौंहार आया है , खुशियों की सौगात और रंगों भरी मुस्कान लाया है। होली का इंतज़ार हम सबको रहता है। कि कब होली आए,कब रंगों पिचकारियों से झूम उठें। आज के इस आर्टिकल में आपको होली के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। Holi 2025 होली कब, क्यों, कैसे मनाई जाती है ,पूरी जानकारी। आओ होली के बारे में विस्तार से पढ़ते है.....

Holi 2025 : होली कब, क्यों व कैसे मनाई जाती है। पूरी जानकारी

Holi Kab Hai / Holi 2025 Date - 

होली हिन्दुओं का एक  रंगों भरा त्यौंहार है । इस त्यौंहार का इंतज़ार हर एक इंसान को होता है। होली का त्यौंहार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । यह त्यौंहार इंग्लिश कैलेंडर के हिसाब से आमतौर पर फरवरी के अंत या मार्च के मध्य में आता है। इस बार 2025 में होली 14 मार्च को होगी । 

Holi Kyon Manayi Jati hai / होली क्यों मनाई जाती है - 

होली हिन्दुओं में बड़ी हर्षोल्लास और खुशियों के साथ मनाया जाता है । पूरे भारत में होली की तैयारियां की जाती हैं । लेकिन हर एक त्यौंहार के पीछे कोई ना कोई धार्मिक मान्यताएं होती । जिसकी वजह से पूरे भारतवर्ष में इसको बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । इस होली के पीछे कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। लेकिन इन सब में भक्त प्रहलाद और हिरण्यकश्यप की कथा सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। 

प्रहलाद और हिरण्यकश्यप की कथा - 

हिरण्यकश्यप एक अहंकारी राजा था, और वो चाहता कि सभी लोग उसी को माने और उसकी पूजा करें। इस राजा के एक पुत्र था उसका नाम प्रहलाद था । प्रहलाद भगवान विष्णु का भक्त था । वह पूरे तन मन से भगवान विष्णु की पूजा करता लेकिन ये बात प्रहलाद के पिता राजा हिरण्यकश्यप को अच्छी नहीं लगी। क्योंकि वो चाहता था सभी मेरी ही पूजा करे किसी और की नहीं । जब प्रहलाद नहीं माना तो , राजा ने अपनी बहन होलिका को अपने पुत्र प्रह्लाद को जलाने के लिए बोल दिया, क्योंकि होलिका को  वरदान प्राप्त था कि वह कभी आग में नहीं जलेगी । एक दिन होलिका ने प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ गई, प्रहलाद मन ही मन विष्णु भगवान को याद करने लगा , तब भगवान विष्णु की कृपा से होलिका जल गई और प्रह्लाद बच गया। इस चमत्कार के बाद इस घटना की याद में होली दहन किया जाने लगा । जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाने लगा है।  
एक मान्यता और है  वह भगवान श्री कृष्ण और राधा से जुड़ी है। इस दिन भगवान कृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ रंग खेलकर इस त्यौंहार को और भी खास बना दिया। इस दिन वृंदावन में होली को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। 

Holi Kaise Manayi Jati Hai/होली कैसे मनाई जाती है- 

होली के कुछ दिन पहले घरों की सफ़ाई और सजावट की जाती है , सभी नए कपड़े पहनते है और रंग लगाकर और होलिका दहन करके इसको मनाया जाता है । होली का त्यौंहार दो दिनों का होता है जिसमें - 

पहले दिन - होलिका दहन 
पहले दिन को होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है । इस होलिका दहन वाले दिन सभी लोग शाम के  समय एक जगह एकत्रित होकर सूखी लकड़ियां, गोबर के उपले और अन्य सामग्री इकट्ठा करके होली/होलिका जलाई जाती है । सभी लोग इस जलती होली के चारों ओर घूमकर भगवान की पूजा करते हैं और बुरी आदतों को त्यागने का संकल्प लेते हैं।  

दूसरे दिन: रंगों वाली होली 
होलिका दहन के दूसरे दिन सभी लोग एक दूसरे को रंग, गुलाल लगाते है। और एक दूसरे से मिलते है । इस दिन बच्चे, बूढ़े सब अपने दोस्तों, रिश्तेदार, पड़ोसियों के यहां जाकर एक दूसरे को रंग गुलाल और पिचकारियों से रंगते है । और गानों, नृत्य और स्वादिष्ट पकवानों जैसे गुझिया, ठंडाई और पापड़ का आनंद लिया जाता है। छोटे-बड़े सभी मिलकर इस त्योहार को खुशियों व प्रेम और सौहार्द के साथ मनाते हैं। 

होली वाले दिन विशेष बातों का ध्यान रखें:- 

होली का त्यौंहार हम सबका है । तो इस होली को सभी लोग मिलकर खुशियों और प्रेमभाव के साथ मनाए। लेकिन कुछ निम्न बातों का हमें ध्यान रखना बहुत जरूरी है - 
  •  किसी को जबरदस्ती रंग नहीं लगाना। 
  •  कुछ लोग इस दिन नशीले पदार्थों का सेवन करके दूसरे लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते है तो ऐसा बिल्कुल भी ना करें।
  •  कच्चे रंगों का ही प्रयोग करें,कैमिकल वाले और पक्के रंगों का बिल्कुल भी प्रयोग ना करें। इन से बीमारी और शरीर का नुकसान हो सकता है । 
  •  आंखों और मुंह का विशेष ध्यान रखें ताकि रंग आंखों और मुंह में ना चला जाए। 
  •  सुबह जल्दी उठकर बाहर रंग लगाने जाने से पहले अपने पूरे शरीर पर सरसों का तेल लगा लें।  
  •  सभी के साथ मिलकर खुशियों से इस होली को मनाना।



निष्कर्ष
ये होली सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, भाईचारे और बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। यह हमें जीवन में सकारात्मकता बनाए रखने और आपसी रिश्तों को मजबूत करने की प्रेरणा देता है। इस होली को अपनों के संग मिलकर, खुशियों के रंगों के साथ मनाए। 

Holi 2025 : होली कब, क्यों व कैसे मनाई जाती है। पूरी जानकारी


Holi Wishes - 


रंगों की बहार आ गई, 
देखो देखो होली आ गई। 


बुराई को जलाकर, अच्छाई का दीपक जलाना । 
मिटाकर नफरतों को , ये होली अपनों के संग मनाना ।। 



 FAQs:- 

1- 2025 में होली कब है? 
Ans: होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है । 2025 में होली 14 मार्च को मनाई जाएगी। 

2- होली के दिन कौन-कौन से खास पकवान बनाए जाते हैं? 
Ans: इस दिन बहुत ही स्वादिष्ट और अपनी पसंद के पकवान बनते है लेकिन कुछ पकवानों स्पैशल पकवानों के नाम दिए है जैसे गुझिया, ठंडाई, पापड़, दही बड़े, नमकीन आदि बनाए जाते हैं। 

3- होलिका दहन का सही समय कब होता है ? 
Ans: होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की रात को किया जाता है। लकड़ियों और गोबर उपलों अन्य सामग्री के साथ इसका दहन किया जाता है। 




 इस होली को स्पैशल और यादगार बनाने के लिए अपने मित्र, परिवार और चाहने वालों के साथ शेयर करें।
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