Romantic Story In Hindi / इश्क़
यार ये इश्क़ भी कितनी अजीब चीज़ है ना मिल जाय तो पूरी जिंदगी मिल जाती हैं और ना मिले तो जिंदगी भी पूरी बेजान सी लगती हैं, हेलो दोस्तों कैसे हो आप उम्मीद करता हूँ बहुत अच्छे होंगे | आज कि ये Romantic Story In Hindi कहानी सच्च में एक इमोशन है कहते है ना अगर किसी से इश्क़ है तो उसका इज़हार करना उतना जरूरी होता जितना की इश्क़ का करना होता है। अगर इज़हार नहीं करते तो हम अपने इश्क़ का कत्ल कर देते है।ऐसा कुछ ही मेरे साथ हुआ....इश्क़
ये तब कि बात है जब मैं स्कूल की पढ़ाई कर रहा था , मिडिल क्लास से था तो सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया था। अभी 9th क्लास में पढ़ाई कर रहा था यार दोस्तों के साथ पढ़ता, खेलता और मस्त रहता। अभी कुछ महीने बाद 8th क्लास के एग्जाम होने थे तो मेरे गांव में मेरा स्कूल एग्जाम सेंटर था तो आसपास के गांवो और स्कूलों के बच्चे मेरे स्कूल में एग्जाम देने आए थे । तो पास के गांव से ही एग्जाम देने आई एक लड़की से मुझे पहली नज़र में इश्क़ हो गया, लेकिन उसको बोल नहीं पाया ये मान लो इज़हार नहीं कर पाया।
हुआ यूं कि ....उन एग्जाम के दिनों मुझे और मेरे एक दो दोस्तो को प्रीसिपल मैडम ने चाय - पानी पिलाने में मदद करने के लिए बोला क्योंकि जो किचन स्टाफ में एक अंकल थे तो वो किसी बीमारी की वजह से छूटी पर थे तो हमें ये काम सौंपा। हमने भी हां कर दी और एक दोस्त चाय बनाने लगा और दूसरा पानी वगैरा पिलाने में लग जाता है । और मुझे काम मिलता है सब टीचर को चाय सर्व करने का। मैं चाय लेकर एग्जाम हॉल में इंटर हुआ तो दरवाज़े के पास में ही पहली लाइन में तीसरे नंबर पर बैठी एक लड़की पर नज़र पड़ी,
और पूछो मत मेरे दिल की धड़कने एकदम से रुक सी गई यार इतनी मस्त और खूबसूरत लड़की मैने पहले कभी नहीं देखी । यार उसकी ब्राउन गहरी आंखे उफ्फ उसका गोल गोल चेहरा कसम से अगर उस टाइम कोई ना होता या मेरे में इतनी हिम्मत होती तो पका मैं उसको kiss कर देता। यार मैं बयां नहीं कर पा रहा उसकी खूबसूरती को। उसकी तरफ देखते रहा इतने में सर ने आवाज़ लगाई चाय इधर ले आ...मैने सर को चाय सर्व करी और वापिस आने लगा पर पता नहीं क्यूं मन मुझे बाहर आने से रोकने लगा, फिर जब सर ने दोबारा बोला जल्दी जाओ बाहर तो मैं एग्जाम हॉल से बाहर निकलते टाइम मुड़कर उसको देखा, उसने भी मेरी तरफ़ देखा
ओह यार क्या फिलिंग्स थी, दिल बहुत ज़ोर ज़ोर से धकड़ने लगा, यार उसका ब्राउन गहरी आंखों से बोंहे ऊपर करके देखना कसम से पूरे बदन में एक आग सी लग गई।
दोस्त ने आवाज़ लगाई में किचन में चला गया,लेकिन उस लड़की लड़की का चेहरा मेरे दिमाग में घूम रहा है था ,दिल एकदम मचल रहा था कि जाऊ और एक बार उसे और देखूं, लेकिन ऐसे बिना काम के एग्जाम हॉल में जाना मना था,तो मैं सोचने लगा कोई तो बहाना मिले उसे देखने का , थोड़ी देर बाद कप लाने के बहाने से हॉल में गया तो देखा यार अब क्या बताऊं क्या फिलिंग्स क्या महसूस कर रहा था उसको देख के । मैं उसको कभी चाय के बहाने से कभी पानी पिलाने के बहाने से देखता रहता,और वो मुझे देख कर smile करने लगी। लेकिन मैं कभी उसके बोल ही नहीं पाया, धीरे धीरे ये सिलसिला चलता रहा और उसका लास्ट एग्जाम था।
उस दिन मैं बहुत दुखी भी क्योंकि शायद आज उसे देखना का लास्ट दिन है आज के बाद शायद ही मिले वो क्योंकि वो दूसरे गांव की थी तो..उस दिन वो मेहरून कलर का सूट पहन के आई थी , पूछो मत यार कैसी लग रही थी, वो हल्की हल्की लाल लिपस्टिक, स्लीपर,और हाथ में कड़ा, एकदम कातिल हसीना सी लग रही थी , लेकिन उसको देखकर खुश भी हुआ,but दिमाग में चल रहा था, कि आज तो लास्ट दिन क्या करू समझ नहीं आ रहा था।
इतने मैं मैडम ने हमें भुला लिया और कुछ ऑफिस का काम दे दिया करने को,उस दिन मै उसको एक बार ही देख पाया। 12:30 उसका एग्जाम खत्म हुआ और वो हॉल से बाहर निकल कर इधर उधर देख रही थी, शायद वो मेरा इंतजार कर रही लेकिन मैं नहीं दिखा तो 15/20 मिनट इंतजार किया और अपने घर जाने के लिए स्कूल से बाहर निकलते समय वो इधर उधर देख रही थी शायद मैं उसे दिख जाऊ, आख़िर में गेट से बाहर निकल गई।
मैं बहुत उदास हुआ और मन ही मन मैडम को गाली देने लगा, इनको आज ही ये काम देना था क्या ...
10/15 मिनट बाद में मैडम ने मुझे भी घर जाने के लिए बोल दिया .. मैडम की ये बात सुनकर मैं उस खूबसूरत लड़की के पीछे जाने का सोचा और मैं लगभग 2/3 किलोमीटर उसके पीछे गया लेकिन वो नहीं दिखी... निराश होकर मैं भी वापिस घर की ओर आने लगा।
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और ख़ुद से ही बाते करने लगा कि काश मैं उसको बोल देता,या मैडम को मना कर देता तो वो मिल जाती, ऐसे बहुत सारे सवाल आने लगे मन में । पर कुछ नहीं हो सका।
इस लिए कहते है अगर किसी से इश्क़ हो जाए तो इज़हार कर देना चाहिए क्योंकि इज़हार करना उतना ही जरूरी है जितना कि किसी से इश्क़ करना है...
खैर उस लड़की से फिर कभी नहीं मिल पाया और ना ही वो मेरे स्कूल में आई, उस लड़की के बारे आज भी सोचता हूं तो चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं और एक ही बात मन में आती है काश उस दिन उस से मिल लिया होता.....
उम्मीद करता हूँ आपको ये " इश्क़ " कहानी बहुत पसंद आयी होगी , सच में हमे अगर किसी से इश्क़ होता है तो उस से इज़हार कर देना चाहिए , अगर आप भी किसी से इश्क़ करते है तो ये कहानी उस इंसान को शेयर कर दो ,पक्का वो आपको इज़हार कर देगा अगर नहीं भी करता है तो वो ये समझ जायेगा कि आप उस से इश्क़ करते है |
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