Moral Story In Hindi/मोरल स्टोरी इन हिंदी
हम आज के इस Moral Story In Hindi / मोरल स्टोरी इन हिंदी आर्टिकल में " ये बुरी आदतें " कहानी लेकर आये | हम कई बार शौंक शौंक में या किसी ग़लत इंसान की संगत में रहकर इतनी बुरी आदतों में फंस जाते जिनको छोड़ पाना या उन से बाहर निकल पाना मुश्किल हो जाता है,और हम इन आदतों के और आदी हो जाते जिस से अपनी और परिवार वालों की जिंदगी नर्क से भी बत्तर हो जाती है| जब इस कहानी को आप पढोगे तो आपको इन आदत्तों को छोड़ने की शक्ति मिलेगी और इनको कैसे छोड़े , कब आसान होता है छोड़ना , कब बहुत मुश्किल होता है छोड़ना आदि के बारे में पता चलेगा........
कहानी:- ये बुरी आदतें
मुझे नहीं पता था ये "ये बुरी आदतें " कहानी मेरी जिंदगी में इतना बड़ा बदलाव ला देगी, जब मैने इस कहानी को पढ़ा तो सच में अहसास हुआ की हमारी छोटी छोटी बुरी आदत एक दिन बहुत बड़ा रूप ले लेती है । और फिर उनको छोड़ पाना बहुत मुश्किल होता है । लेकिन उनको बड़ा रूप ले लेने से पहले की हमे इन बुरी आदतों की जड़े काट देना चाहिए। ऐसा कुछ ही इस कहानी में हुआ है...Moral Story In Hindi / मोरल स्टोरी इन हिंदी |
उस लड़के के पिता उसको एक दिन खेतों के रास्तों पर ले गए, लड़के ने छोटी छोटी घास तो उखाड़ दी लेकिन बड़े पेड़ नहीं...
अभी कुछ समय पहले एक लड़का ना ज्यादा छोटा था और ना बड़ा। अपनी स्कूल की पढ़ाई कर रहा था। उसके स्कूल में और मोहल्ले में बहुत यार मित्र थे। अब कुछ अच्छे थे कुछ गलत भी । तो उस लड़के के पिता अपने बेटे को लेकर सोचने लगे कि औरों की तरह ये भी बुरी आदतों में ना फस जाए।
अगर मैं लड़के को सीधा बोलुगा तो शायद सोचेगा आप मेरे पर शक कर रहे हो या वो इस बात की गहराई को न समझ पाए जो उसके पिता उसको समझाने वाले थे। तो एक दिन उन्होंने एक तरीका निकाला उसको समझाने का कि ये छोटी छोटी आदतें आगे चलकर बहुत बड़ा रूप ले लेगी और फिर इनको छोड़ पाना बहुत मुश्किल होगा। इस से अच्छा है या तो छोटी छोटी आदतों की जड़े काट तो या इन सब से दूर रहो । इतना सोच कर लड़के पिता सोने चले गए ।
अगले दिन सुबह सुबह पिता उठे और उस लड़के को बोले चल बेटा आज खेतों की तरफ़ घूम के आते है । लड़का भी राज़ी हो गया चाय वाय पी और दोनो खेतों की तरफ निकल गए। रास्ते में चलते चलते उसके पिता ने बोला बेटा उस छोटी छोटी घास को उखाड़ो तो तो उस लड़के ने बड़ी आसानी से घास को उखाड़ दिया। थोड़ा आगे चले तो एक छोटा पौधा दिखा फिर पिता बोले बेटा उस पौधे को उखाड़ो तो पिता के कहते ही उस लड़के ने पौधे को भी उखाड़ दिया लेकिन पहले जितना आसानी से नही , फिर थोड़ा आगे चले तो थोड़ा बड़ा और पका हुआ पौधा दिखा फिर पिता ने बोला इस पौधे को उखाड़ के बताओ तो लड़के ने उस पौधे को भी उखाड़ दिया लेकिन इस बार थोड़ा ज़ोर लगा लेकिन जैसे तैसे करके उखाड़ दिया। इसे भी पढ़े :- Motivational Story In Hindi
ऐसे करते करते काफ़ी दूर चले गए ,आगे गए तो एक पेड़ दिखा तो उसके पिता बोले बेटा इस पेड़ को उखाड़ कर बताओ , वो लड़का थोड़ा रुका और सोचने लगा आख़िर पिताजी करवाना क्या चाहते है , क्या कर रहे हैं । लेकिन फिर वो उस पेड़ को उखाड़ने लगा बहुत ज़ोर लगाया, टाइम लगाया लेकिन नही उखाड़ पाया।
तो उसने पिता से बोला मैं इसे नहीं उखाड़ पाऊंगा।
पिता बोल कोई नहीं चल घर चलते हैं ।
वापिस आते समय उस लड़के ने पूछा पिता जी आप वो पेड़ पौधे क्यों उखड़वा रहे थे।
तब पिता बोले बेटा मैं तुझे कुछ समझाना चाहता था, बेटा कई बारी हम शौक शौक या किसी संगति की वजह से बुरी आदत डाल लेते हैं जैसे आलस करना , नशा, फालतू टाइम ख़राब करना, अपना काम कल पर छोड़ना आदि।
येआदतें शुरू शुरू में तो हमें दिखाई नहीं देती या ये कहूं कि इसका कोई गलत प्रभाव नज़र नही आता लेकिन धीरे धीरे ये आदतें बहुत बड़ी हो जाती है जिनको छोड़ पाना मुश्किल है। जैसे रास्ते में तुमने छोटी घास, छोटे छोटे पौधों को तो उखाड़ दिया था , लेकिन बड़े पेड़ को नहीं उखाड़ पाए, उसी तरह ये आदतें होती हैं शुरू शुरू में छोड़ दो या इन से दूर रहो, लेकिन जब ये आदतें बहुत बड़ी हो जाएगी और अपने शरीर और दिमाग में अपनी जड़ों को बहुत गहरी कर लेगी तो उस बड़े पेड़ की तरह इनको उखाड़ पाना या छोड़ पाना बहुत मुश्किल होता है।
फिर बात को बीच में रोकते हुए बोले अब समझ आया मैने तुझे वो घास, पेड़ पौधे क्यूं उखाड़ने को बोला ।
लड़के को सारी बात समझ आ गई और पिता जी से बोला,
सॉरी मैं आज के बाद कोई भी बुरी आदत की संगत में नहीं आऊंगा इन सब से दूर रहूंगा और मेरे दोस्तों को भी इन सब से दूर रहने के लिए बोलूगा अगर नहीं माने तो मैं उन दोस्तों से दूरी बना लूंगा।
पिता जी खुश हुए और बोले 'शाबास '
फिर बाते करते करते घर चले गए। उसके बाद उस लड़के ने कभी कोई गलत आदत को अपनी जिंदगी में नहीं आने दिया ।
Moral / सिख:-
इस कहानी से हमे ये ही सीखने को मिलता है कि हमे कभी भी अपनी जिंदगी में बुरी आदतों को नही पनपने देना, अगर गलती से कोई बुरी आदत लग भी गई तो उसको जितनी जल्दी हो सके छोड़ दो नही तो बाद में उस आदत को छोड़ पाना बहुत मुश्किल होगा। और ये आदतें संगति या शौक शौक में शुरू होती है और बाद में पूरी जिंदगी बर्बाद कर देती हैं। इस लिए इन बुरी आदतों को अपनी जिंदगी में कभी न आने दे।
दोस्तो उम्मीद करता हूं कि आपको ये कहानी बहुत पसंद आई होगी और बहुत कुछ सीखने को मिला और ये कहानी आपके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लेकर आएगी। इस कहानी को अपने यार बेली मित्रों के साथ जरूर शेयर करें।
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