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Moral Story In Hindi / गलत व्यवहार का ज़ख्म

 Moral Story In Hindi 

गलत व्यवहार का ज़ख्म 


हैलो दोस्तों नमस्कार, स्वागत करता हूं आपका आज के इस   ' गलत व्यवहार का ज़ख्म' आर्टिकल पर। आज की जो कहानी है वो आपको बहुत कुछ सीखा कर जायेगी, जब आप पूरी कहानी पढ़ोगे तब आपको अहसास होगा कि क्यों हमें सोचा समझकर बोलना चाहिए। क्योंकि ज़ख्म तो भर जाते हैं लेकिन किसी को कटु शब्द से हुए ज़ख्म कभी नहीं भरते।

कहानी की शुरुआत :- 
तुम मेरे पीठ पर कुल्हाड़ी मारो वरना मैं तुम्हें मार दूंगा और उसने.....
Moral Story In Hindi  गलत व्यवहार का ज़ख्म


गलत व्यवहार का ज़ख्म 

किसी गांव में राजीव नाम का एक लकड़हारा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। उसका स्वभाव बहुत अच्छा था। सभी से आदर भाव और प्यार से मीठा बोलता। वो पास के जंगल से लकड़ी काट कर अपना जीवनयापन करता था। उसका स्वभाव अच्छा था तो जंगल में रहने वाले शेर से उसकी अच्छी दोस्ती हो गई ,जब शेर से उसकी दोस्ती हुई तो बाकि सब जानवरों से भी अच्छी दोस्ती हो गई। रोज़ सुबह राजीव जंगल जाता लकड़ी काटता ,और बाकी सब जानवर भी उसकी लकड़ी काटने में मदद करते। राजीव उनके लिए खाना वगैरा लेकर जाता। धीरे धीरे शेर और राजीव की दोस्ती बहुत गहरी हो गईं थीं, एक दूसरे को अच्छा दोस्त मानने लगे।

                             एक दिन.......

राजीव ने मन में सोचा क्यों ना मेरे दोस्तों को मेरे घर दावत पर बुलाया जाए,वो सभी खुश होंगे।ये सोच कर वो जब शाम को घर तो अपनी पत्नी से बोला...

सुनो कल मेरे दोस्त आने वाले हैं तो अच्छे पकवान बना लेना, उनका खाना बना लेना। 

पत्नी ने कहा ठीक है।

ये सब बात करके खाना खाया और राजीव सो गया, सुबह उठा अपनी कुल्हाड़ी वगैरा ली और जंगल चला गया लकड़ी काटने,जब वो शेर और बाकी जानवरों से मिला तो सब को दावत के लिए निमंत्रण दिया और कहा आप सब दोस्त आज शाम मेरे घर खाना खायेंगे आप सब को आना है। 

सभी बहुत खुश हुए और सबने हां कर ली।

शाम हुई सभी राजीव के घर पहुंचे। राजीव की पत्नी भी राजीव के दोस्तों का इंतजार कर रही थी।

                          पर ये क्या...

पत्नी ने राजीव के दोस्तों को देखते ही बोली ..

ये मनहूश हैवान, जंगली जानवर आपके दोस्त है । ये कटु शब्द शेर ने सुन लिए और चुप चाप वहां से चला गया । वहीं राजीव भी खड़ा था अपने दोस्त को ऐसे जाते देख उसे थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई। लेकिन कुछ नही बोला कमरे में गया और सो गया। सुबह हुई राजीव अपनी कुल्हाड़ी ली और जंगल में अपने दोस्त शेर के सामने जाकर चुपचाप खड़ा हो गया । शेर से माफ़ी मांगने लगा । 

शेर ने बोला दोस्त तेरे हाथ में जो कुल्हाड़ी है वो मेरे पीठ पर मार ....

लेकिन राजीव ने मना कर दिया बोला तुम मेरे अच्छे दोस्त हो मैं कैसे मार सकता हूं...

फिर शेर ने कहा देख अगर तूने मेरे पीठ पर कुल्हाड़ी नहीं मारी तो मैं तुम्हें मार दूंगा तो मजबूरन राजीव को शेर के पीठ पर कुल्हाड़ी मार दी। कुल्हाड़ी मारते ही शेर की पीठ पर गहरा जख्म हो गया और खून निकलने लगा। शेर वहां से चुपचाप चला गया।


                      2/3 महीने बाद....


एक दिन राजीव जंगल में लकड़ी काट रहा था तो उसको वो शेर दिखाई दिया राजीव खुशी खुशी उसके पास गया। तब शेर ने बोला दोस्त तूने जो कुल्हाड़ी से ज़ख्म दिया था मेरी पीठ वो देख अब है क्या ?

राजीव ने शेर की पीठ से बाल हटाकर देखा तो वो घाव भर चुका था। उसने बोला घाव तो भर गया दोस्त।

तब शेर ने कहा जो घाव तूने कुल्हाड़ी से दिया था वो देख भर गया , लेकिन जो घाव कटु शब्द, बुरे व्यवहार से तेरी पत्नी ने मुझे दिया था वो आज तक मेरे दिल से नही भरा। इतना कहकर शेर वहां से चला जाता है ।और राजीव निराश होकर लौट आता।



Moral:- दोस्तों इस कहानी से हमें ये ही सीखने को मिलता है किसी को बिना कुछ सोचे समझे गलत नहीं बोलना , ना गाली गलोच करना चाहिए। हमेशा अपने व्यवहार को राजीव के जैसे आदर भाव, मीठा बोलने वाला होना चाहिए।



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