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sad story मेरा लाइब्रेरी वाला प्यार

           मेरा लाइब्रेरी वाला प्यार 

हैलो दोस्तों नमस्कार स्वागत करता हूं आज के इस आर्टिकल मे। मेरा लाइब्रेरी वाला प्यार कहानी उम्मीद करता हूं आपको बहुत पसंद आएगी।

मुझे लाइब्रेरी में जॉब करने वाली लड़की से प्यार हुआ, लेकिन मेरी ही गलती की वजह से आज मेरे साथ नहीं है। हुआ यूं कि....

sad story मेरा लाइब्रेरी वाला प्यार

       sad story मेरा लाइब्रेरी वाला प्यार 


मैंने अभी कॉलेज पूरा किया था कि एक गवर्मेंट जॉब की भर्ती निकली।तो मैंने उसमे फॉर्म अप्लाई कर दिया और तैयारी करने लगा। कुछ महीनों बाद एग्जाम था तो मैंने अच्छी तैयारी के लिए लाइब्रेरी ज्वॉइन करने का फैसला लिया। 
एक बढ़िया सी लाइब्रेरी जिसमें सभी सुविधा थी जो एक छात्र के पढ़ने के अनुकूल हो मैने वो ज्वॉइन कर ली।
एक दो दिन गया तब मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी ,जो वहां पर जॉब कर रही थी बुक्स वगैरा देना , उनकी एंट्री करना।उसका हावभाव देखने से पता चल रहा था कि उसने अभी अभी जॉब ज्वॉइन की है।
 जब उसको देखा तो मन करा उसकी काली गहरी आंखों में डूब जाऊं, गेरुआ रंग पर मर जाऊं इतनी खूबसूरत थी।
मैं उसके पास गया और हैलो करके एक बुक ली। धीरे धीरे ये सिलसिला चलता रहा है। 
कुछ हफ्तों बाद मुझे लगने लगा कि मुझे उस से मोहब्बत हो गई, हुए भी तो क्यों इतनी खूबसूरत जो थी, और शायद उसको भी मेरे से मोहब्बत हो गई थी। लेकिन कभी एक दूसरे को बोल नहीं पाए।
मैं रोज़ बुक के बहाने उसको देखने जाता,और बुक ले आता लेकिन पढ़ता नहीं था सीधा अलमारी में लाकर रख देता।
ये मेरा रोज़ का रूटीन हो गया बुक के बहाने जाता उसको देखता और बुक लाकर रख देता लेकिन कभी बुक को खोली नहीं। उसको भी मेरे से मोहब्बत हो गई थी उसकी नज़रें बता रही, पर वो भी मेरे से कह नहीं पाई।
ऐसा करते करते कुछ महीने गुजर गए , पर मैं उसको बता नहीं पाया और ना ही वो मुझे कह पाई।
                             
                               एक दिन.....
 मैं मेरे कमरे पर पढ़ाई कर रहा था तो मुझे पता चला उस लाइब्रेरी वाली लड़की यानी जिस से मैं मोहब्बत करता था, उसे लाइफ पार्टनर बनाने के सपना देखता था, उसकी शादी कहीं और तय हो गई है । 
आज उसको देखने और शादी की तारीख पक्का करने आ रहे है जहां उसका रिश्ता हुआ वो। तो मैं ये सुनकर एकदम शौक हो गया, कुछ समझ नहीं आ रहा क्या करूं। तब पास बैठे दोस्त ने थोड़ी हिम्मत दी और बोला यॉर अब तो जाकर उसको बोल दे , नहीं तो तूं उसको जिंदगी भर के लिए खो देगा और फिर पछतावा के अलावा कुछ नहीं बचेगा तेरे पास।
मैं थोड़ी देर चुप रहा फिर हिम्मत जुटाई और बिना कुछ सोचे समझे उसके घर पर उस लड़की से मिलने चला गया। जाकर देखा तो शादी की तैयारियां हो रही थी, मैं सीधा उसके पास गया और जाकर बोला,
यार तूं ये शादी मत कर...
वो समझ गई थी मैं क्यों ऐसा बोल रहा हूं फिर भी उसने पूछा क्यों ना करू , आप कौन होते हो मना करने वाले,
मैने बोला यार मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं, मैं तुझे मेरी लाइफ पार्टनर बनाना चाहता हूं, बीच में ही बोल पड़ी अच्छा आपको मेरे से प्यार है कब और कैसे हुआ ? मैने बोला जब से तुझे पहली बार देखा तब से लेकिन कभी इज़हार करने या तुमसे बोलने की हिम्मत नहीं हुई, इतना कह कर मैं थोड़ा रोना लगा, आंसू पोंछने लगा।
तब उसने बोला पागल रो मत मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं, जब तुम पहले दिन लाइब्रेरी आए थे और मेरे से बुक लेकर गए थे उसी दिन मैंने तुम्हें मेरे दिल में बसा लिया था । जब उसने ये बोला तो उम्मीद की किरण जागी और मैने बोला जब तुम्हे मेरे से प्यार था तो मुझे बोला क्यों नहीं.....

                           वो चुप हो गई ....
मैने फिर कहा बताओ क्यों नहीं बोला जब तुम्हें मेरे से प्यार था तो, अब क्यों किसी और से शादी कर रही हो । फिर जो उसने बताया सुनकर मैं हैरान रह गया।
उसने बोला मैं तो तुमको रोज़ कहती थी लेकिन तुम ही नहीं समझ पाए, मैं हैरानी से देखा और पूछा बताओ कैसे नहीं समझ पाया । बोली तुम मेरे से रोज़ बुक लेके जाते थे है ना ,
मैने का हां, 
 बोली कभी तुमने उन बुक्स को खोल कर देखा, मैने कहा नही , कहने लगी जाओ पहले खोलकर देखो जवाब तुम्हें खुद मिल जायेगा।
बिना एक सैकंड की देरी किए मैं वहां से दौड़ा दौड़ा अपने रूम पर आया और अलमारी में से सारी बुक्स निकाल कर देखने लगा। जैसे ही मैंने पहली बुक खोली तो पहले पेज पर एक चिट्ठी थी खोलकर पढ़ा तो लिखा था....
हाय कैसे हो...
आप बहुत अच्छे हो...

फिर मैने दूसरी बूक खोली तो उसमे भी एक चिट्ठी थी जिसमें लिखा था....
क्या हुआ आपने जवाब नहीं दिया....
मुझे आप से दोस्ती करनी है...
आपके कॉन्टेक्ट नंबर मिलेगा...
ऐसे करते करते हर बूक में चिट्ठी थी , जिसमें लिखा था डेट पर चलोगे, इज़हार और प्यार, लिखा था।
लास्ट बुक खोली, जो मैने उस से लास्ट बार ली थी उसके बाद वो जॉब पर नहीं आ रही थी।
उस बुक में भी एक चिट्ठी थी जिसमें लिखा था....
सॉरी मुझे माफ़ करना ....
आपका मेरी चिट्ठी का एक भी जवाब नहीं आया, इसका मतलब आपको मेरे से कोई लगाव नहीं है। लेकिन मैं आप से सच्चे दिल से मोहब्बत करती हूं, अब और इंतजार नहीं कर सकती क्योंकि मेरे घर वालों ने मेरी शादी फिक्स कर दी है , तो आज के बाद मैं जॉब पर नहीं आउंगी।
मुझे माफ़ कर देना ,अगर मैने आपको कोई तकलीफ़ दी हो तो, उम्मीद करती हूं इस चिट्ठी का जवाब आप जरूर दोगे।

इतना पढ़ते ही मैं वहीं बैठ कर रोने लगा और पछतावा करने लगा ख़ुद ही खुद से बात करने लगा कि काश मैं बुक खोल लेता , काश उसकी चिट्ठी पढ़ लेता । आज मेरी मोहब्बत मेरे पास होती, किसी और की ना होती। कितना खराब इंसान हूं , कितना आलसी हूं ऐसा बोलकर खुद का गुस्सा खुद पर ही निकालने लगा। 
फिर आंसू पोंछे और वापिस उसके पास गया और कुछ नहीं बोला बस उसको देखता रहा, और अंदर ही अंदर रो रहा था। 
फिर मैने उसको घुटने टेक कर सॉरी बोला और रोने लगा।
उसने बड़े प्यार गले लगाया मानो मुझे जन्नत,सब कुछ मिल गया हो , और बोली शायद ऊपर वाले की यही मर्ज़ी थी । लेकिन हम दोनों का ये प्यार उम्र भर रहेगा।
मैं भी ख़ुद को दिलासा देते हुए , उसको जिंदगी भर खुश रहने की दुआ दी ...
बस एक बार फिर मेरे मुंह से निकला....
काश एक बार बुक खोल कर देख लेता तो शायद ऐसा ना होता......

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                          Love Forever..... 

दोस्तों सच मैं ऐसा होता है , इसलिए मैं तो एक ही बात कहता हूं अगर आपको भी किसी के लिए दिल में फिलिंग्स है या कुछ कहना है तो देर मत करो ,ना ही अपने दिल में रखो बस थोड़ी हिम्मत करके उसको सीधा बोल दो , ज्यादा से ज्यादा क्या होगा वो आपको मना कर सकता हैं, लेकिन नही कह पाओगे तो मेरी तरह उम्रभर पछतावा रहेगा। 

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उम्मींद करता हूं आपको ये कहानी( मेरा लाइब्रेरी वाला प्यार ) बहुत अच्छी लगी होगी। बस आप से दिल की बात कहना चाहता हूं इस कहानी को अपने चाहने वालों के साथ जरूर शेयर करना।


Uploded By:- 
jazbaatiword.com 

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