इंतजार शायरी / Intezar Shayar
इंतजार शायरी / Intezar Shayari |
इस बार भी एक मलाल रह गया,
इस होली भी हाथ में गुलाल और तेरा इंतजार रह गया।
Es Baar Bhi Ek Malal Rah Gaya,
Es Holi Bhi Hath Me Gulal or Tera Intezar Rah Gaya ।
तुम आओ या ना आओ,
एक बात याद रखना,
इंतजार तुम्हारा आज भी है और कल भी रहेगा।
Tum Aao Ya Na Aao ,
Ek Baat Yaad Rakhna,
Intzar Tumhara Aaj Bhi Hai Or Kal Bhi Rahega।
कि शिकवा है खुद से खामोश हो जाने का,
सुबह से शाम तक देखता हूं राह तेरी,
बस इंतजार है तेरे आने का।
Ki Shikwa Hai Khud Se Khamosh Ho Jane Ka,
Subhah Se Sham Tak Dekhta Hun Rah Teri,
Bas Intezar Hai Tere Aane Ka
पागल सा रहता हूं तेरे प्यार में,
गज़ब का नशा है तेरे इकरार में,
पता है अब तू नहीं आने वाली,
फिर भी हर पल रहता हूं तेरे इंतजार में।
Pagal Sa Rahta Hun Tere Pyar Me,
Gajab Ka Nasha Hai Tere Ikrar Me,
Pata Hai Ab Tu Nahi Aane Wali,
Fir Bhi Har Pal Rahta Hun Tere Intzar Me
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